भारत ने ब्रिक्स में राष्ट्रीय, वैश्विक अर्थव्यवस्था में एमएसएमई की भूमिका पर दिया जोर

नई दिल्ली, 26 मई (हि.स)। भारत ने ब्रासीलिया के इटामारती पैलेस में ब्राजील की अध्यक्षता में आयोजित नौवीं ब्रिक्स उद्योग मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। इस दौरान एक संयुक्त घोषणा को अपनाया गया, जिसमें मुख्य विषय अधिक समावेशी और टिकाऊ शासन के लिए वैश्विक दक्षिण सहयोग को मजबूत करना था। साथ ही भारत ने ब्रिक्स में राष्ट्रीय, वैश्विक अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की भूमिका पर जोर दिया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में बताया कि संयुक्त घोषणा के अनुरूप भारत ने राष्ट्रीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया गया। इसमें तेजी से हो रहे वैश्विक परिवर्तनों के बीच एक खुले, निष्पक्ष और लचीले वैश्विक वातावरण को बढ़ावा देने, बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत करने और आर्थिक और सामाजिक लचीलापन बढ़ाने की सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई।
संयुक्त घोषणा के अनुरूप भारत ने राष्ट्रीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी बल दिया। इसके साथ ही भारत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 5.93 करोड़ पंजीकृत एमएसएमई 25 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को रोजगार देते हैं। इस क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2023-24 में देश के कुल निर्यात में 45.73 फीसदी का योगदान दिया। भारत ने सभी ब्रिक्स देशों को नीतिगत अंतर्दृष्टि, नवाचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से इस मंच में योगदान देने और इससे लाभ उठाने का निमंत्रण दिया।
मंत्रालय के मुताबिक मंत्रियों ने ब्रिक्स देशों में औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने और सतत एवं समावेशी विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता को जरूरी बताया। संयुक्त घोषणापत्र में सतत विकास के प्रमुख चालकों के रूप में उद्योग 4.0 के तहत नवाचार और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। भारत ने अपने हस्तक्षेप में भविष्य के लिए तैयार उद्योग के लिए अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट किया जो समावेशी, नवीन और डिजिटल रूप से सशक्त है जो चौथी औद्योगिक क्रांति के उद्देश्यों के साथ संरेखित है।
इसके अलावा बैठक में इस बात पर ध्यान दिया गया कि भारत के डिजिटल इंडिया अभियान ने देश को दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल रूप से जुड़े लोकतंत्र में बदल दिया है। भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 2014 में 251.59 मिलियन से बढ़कर मार्च 2024 तक 954.40 मिलियन हो गई है। भारत ने अपने संबोधन का समापन करते हुए ब्रिक्स सदस्यों से आह्वान किया कि वे आगे चलकर सभी सहकारी प्रयासों में सहयोग, सामंजस्य, समग्रता और सर्वसम्मति के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित हों।
उल्लेखनीय है कि इस बैठक में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका सहित सभी ब्रिक्स सदस्य देशों के उद्योग मंत्री और प्रतिनिधि मौजूद थे। साथ ही नए शामिल सदस्य मिस्र, इथियोपिया, ईरान, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात भी उपस्थित रहे। बैठक में अपनाए गए संयुक्त घोषणापत्र में तेजी से हो रहे वैश्विक बदलावों के बीच खुले, निष्पक्ष और लचीले वैश्विक माहौल को बढ़ावा देने, बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत करने और आर्थिक और सामाजिक लचीलापन बढ़ाने की सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई।