उप राष्ट्रपति धनखड़ मप्र के प्रवास पर नरसिंहपुर पहुंचे, तीन दिवसीय कृषि उद्योग समागम का किया शुभारंभ

भोपाल, 26 मई (हि.स.)। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सोमवार को मध्य प्रदेश के एक दिवसीय प्रवास नरसिंहपुर पहुंचे हैं। यहां उन्होंने कृषि एवं उद्यानिकी क्षेत्र में नवाचार, तकनीकी उन्नयन और कृषक कल्याण को समर्पित तीन दिवसीय ‘कृषि उद्योग समागम’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित मंत्रीगण, कृषि उद्यमी, निर्यातक समूह के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
इससे पहले उप राष्ट्रपति धनखड़ पूर्वान्ह करीब साढ़े 11 बजे भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से जबलपुर पहुंचे और यहां कुछ देर रुकने के बदा वायुसेना के विशेष हेलीकॉप्टर से दोपहर साढ़े 12 बजे नरसिंहपुर हेलीपैड आए। उप राष्ट्रपति के साथ उनकी धर्मपत्नी सुदेश धनखड़ भी नरसिंहपुर आई हैं। यहां राज्यपाल पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने उनका स्वागत कर अगवानी की। इसके बाद उप राष्ट्रपति धनखड़ नरसिंपुर में कृषि उपज मंडी के पास आयोजित कृषि उद्योग समागम का बतौर मुख्य अतिथि उद्घाटन किया। इस दौरान उपराष्ट्रपति ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ यहां 116 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन किया।
“कृषि उद्योग समागम 2025” का आयोजन मध्य प्रदेश में कृषि एवं उद्यानिकी पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने, खाद्य प्रसंस्करण में निवेश आकर्षित करने और किसानों को बेहतर बाजार से जोड़ने के लिए किया जा रहा है। यह समागम उद्योगपतियों, कृषक उत्पादक संगठनों एवं नीति निर्माताओं के बीच संवाद, नीति प्रस्तुति एवं सहयोग के अवसर प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गन्ना उत्पादक किसानों के हित में शुगर इंडस्ट्री निवेशकों से संवाद करेंगे। निवेशकों को नरसिंहपुर अंचल में शुगर इंडस्ट्रीज की स्थापना और उसके संबंध में राज्य शासन की प्रोत्साहन नीतियों पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को हितलाभ प्रदान करेंगे और कृषि निवेश से जुड़े समूहों से भी संवाद करेंगे। नरसिंहपुर अंचल को चीनी उद्योग का केंद्र बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम होगा।
समागम स्थल पर एग्री-हॉर्टी एक्सपो के तहत आधुनिक कृषि यंत्र, ड्रोन, एआई आधारित उपकरण, पॉलीहाउस, जैविक व नैनो उर्वरक, दुग्ध एवं गौशाला उत्पाद, और जल कृषि मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे। प्राकृतिक व जैविक खेती के लाइव मॉडल भी लगाए जाएंगे। खेती, खाद्य प्रसंस्करण और निर्यात से जुड़े विषयों पर व्याख्यान आयोजित किए जायेंगे। इसके अलावा समागम में विषय विशेषज्ञों द्वारा किसानों को तकनीकी ज्ञान व परामर्श प्रदान करने के लिये औषधीय फसलों, एफपीओ और निर्यातकों के लिए विशेष नेटवर्किंग सेशन व संगोष्ठियाँ आयोजित की जाएंगी।