आरबीआई ने 2025-26 के लिए महंगाई दर का अनुमान घटाकर 3.7 फीसदी किया

नई दिल्ली, 06 जून (हि.स)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने महंगाई दर के अनुमान को मौजूदा 4.0 फीसदी से घटाकर 3.7 फीसदी कर दिया है। रिजर्व बैंक ने उम्मीद जतायी है कि जिंसों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमी के साथ मुख्य मुद्रास्फीति नरम बनी रहेगी।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मुंबई में तीन दिवसीय द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि सामान्य मानसून के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति यानी खुदरा महंगाई दर अब 3.7 फीसदी पर रहने का अनुमान है। इसके अप्रैल-जून तिमाही में 2.9 फीसदी, जुलाई-सितंबर तिमाही में 3.4 फीसदी, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 3.9 फीसदी और जनवरी-मार्च तिमाही में 4.4 फीसदी रहने का अनुमान है।

मल्‍होत्रा ने कहा कि महंगाई दर का यह अनुमान सभी प्रमुख चीजों में कीमतों के अनुकूल रहने की ओर इशारा करता है। रबी फसल के मौसम में रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन और प्रमुख दालों के उच्च उत्पादन से प्रमुख खाद्य वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित होनी चाहिए। भविष्य में सामान्य से बेहतर मानसून और इसके जल्दी आने की संभावना खरीफ फसल की संभावनाओं के लिए अच्छे संकेत है। मल्होत्रा ने कहा, ‘‘अधिकतर अनुमान कच्चे तेल सहित प्रमुख वस्तुओं की कीमतों में निरंतर नरमी की ओर इशारा करते हैं।’’

उन्होंने चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए कहा कि अनुकूल पूर्वानुमान के बावजूद वह मौसम संबंधी अनिश्चितताओं और वैश्विक स्तर पर जिंस की कीमतों पर पड़ने वाले प्रभाव के साथ शुल्क संबंधी चिंताओं को लेकर सतर्क रहेगा। दरअसल केंद्रीय बैंक ने प्रमुख नीतिगत ब्‍याज दर रेपो रेट को भी 0.50 फीसदी घटाकर 5.50 फीसदी कर दिया है।

उल्‍लेखनीय है कि खुदरा महंगाई दर अप्रैल 2025 तक लगातार तीन महीने चार फीसदी की सीमा से नीचे रही है। खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर 3.16 फीसदी पर आ गई है, जो इसका छह साल का निचला स्तर है। चार फीसदी से कम औसत खुदरा महंगाई दर का यह अनुमान हाल के वर्षों में सबसे कम है। आरबीआई ने अप्रैल में अपनी मौद्रिक नीति घोषणा में वित्त वर्ष 2025-26 में खुदरा मुद्रास्फीति के औसतन चार फीसदी रहने का अनुमान जताया था। सरकार ने आरबीआई को मुद्रास्फीति को दो फीसदी घट-बढ़ के साथ चार फीसदी पर रखने का लक्ष्य दिया है।

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