RBI का बड़ा फैसला: आपकी EMI पर नहीं पड़ेगा असर, रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, 6.5% पर बनी रहेगी
RBI Monetary Policy: महंगाई पर कड़ी नजर, रेपो रेट 6.5% पर स्थिर, सस्ते लोन की उम्मीदों को झटका
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी मौद्रिक समीक्षा बैठक के बाद बड़ा फैसला सुनाया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखने की घोषणा की है। यानी आपके लोन की EMI और ब्याज दरें फिलहाल जस की तस बनी रहेंगी। यह 11वीं बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है, और अब यह उम्मीदें भी खत्म हो गई हैं कि ब्याज दरों में कमी के बाद सस्ते लोन और EMI में राहत मिल पाएगी।
RBI का फैसला क्यों अहम है?
शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) के तीन दिनों तक चले मंथन के बाद यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा, “हमारी जिम्मेदारी महंगाई को नियंत्रित करना है, ताकि यह आम आदमी की जिंदगी पर नकारात्मक असर न डाले।” उन्होंने यह भी बताया कि MPC के छह में से चार सदस्य रेपो रेट में कोई बदलाव करने के पक्ष में नहीं थे, इसीलिए निर्णय स्थिर रखने का लिया गया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि हमें GDP को मजबूत करने पर भी ध्यान देना है।
CRR में कटौती से मिलेगा राहत
आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में 0.50% की कटौती की है, जिससे CRR अब 4.5% से घटकर 4% हो जाएगा। इसका मतलब यह है कि बैंकों के पास अब ज्यादा पैसे होंगे, और बाजार में 1.6 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी बढ़ेगी। इसके अलावा, आरबीआई ने SDF दर को 6.25% और MSF दर को 6.75% पर बनाए रखा है।
महंगाई पर RBI का नजरिया
आरबीआई ने कहा कि महंगाई का असर GDP ग्रोथ पर पड़ रहा है। इसके बावजूद, आरबीआई को उम्मीद है कि जनवरी से मार्च तक महंगाई में कमी आएगी, जिससे आने वाले समय में आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
रेपो रेट क्या होता है?
रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिस पर बैंक रिजर्व बैंक से अल्पावधि कर्ज लेते हैं। जब रेपो रेट कम होता है, तो बैंकों को सस्ते ब्याज पर कर्ज मिलते हैं, और इसका सीधा असर होम लोन, कार लोन जैसी कर्जों पर पड़ता है। इस स्थिति में, बैंक भी अपने ग्राहकों को सस्ते दरों पर लोन देने में सक्षम होते हैं।
रेपो रेट घटने से आपको क्या फायदा हो सकता है?
जब रेपो रेट घटता है, तो बैंकों को सस्ते कर्ज मिलते हैं, जिसके बाद वे ग्राहकों को भी सस्ती ब्याज दर पर लोन देते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर आपने होम लोन, कार लोन या कोई अन्य कर्ज लिया है, तो भविष्य में आपके EMI कम हो सकते हैं। लेकिन चूंकि आरबीआई ने इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है, सस्ते लोन और EMI की उम्मीद फिलहाल पूरी नहीं हो रही।
निष्कर्ष: फिलहाल, आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव न करके लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है, लेकिन महंगाई को नियंत्रित करने और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य से यह कदम लिया गया है।