EPFO Wage Limit: सरकार EPF कटौती के लिए वेज लिमिट 30,000 रुपये करने पर विचार, नए साल में हो सकता है फैसला
EPF Wage Ceiling Hike: नए साल में 30,000 रुपये तक बढ़ सकती है EPF वेज लिमिट, 1 करोड़ कर्मचारियों को होगा फायदा
ईपीएफओ (EPFO) के वेज लिमिट को बढ़ाने पर 30 नवंबर 2024 को हुई सीबीटी (Central Board of Trustees) की बैठक में सहमति बनी है, हालांकि इसका अंतिम फैसला नए साल 2025 के फरवरी महीने में लिया जा सकता है। केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए सोशल सिक्योरिटी स्कीम को मजबूत करने की योजना पर काम कर रही है, ताकि वे अधिक बचत कर सकें और रिटायरमेंट के बाद अधिक पेंशन प्राप्त कर सकें।
क्या होगा बदलाव?
केंद्र सरकार एम्पलॉय प्रॉविडेंट फंड (EPF) और एम्पलॉय स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (ESIC) के तहत न्यूनतम वेज लिमिट को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये करने की तैयारी में है। इससे करीब 1 करोड़ नए कर्मचारियों को EPF और ESIC के सोशल सिक्योरिटी दायरे में लाया जा सकेगा।
पिछली बार कब बढ़ी थी वेज लिमिट?
2014 में EPF और ESIC के लिए वेज लिमिट को 6,500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये किया गया था। अब 10 साल बाद, फिर से इसे बढ़ाने का फैसला लिया जा रहा है।
कर्मचारियों के लिए क्या होगा फायदा?
वेज लिमिट बढ़ने से कर्मचारियों के वेतन से EPF में ज्यादा राशि कटेगी, जिससे उनका योगदान भी बढ़ेगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन 15,000 रुपये है, तो वर्तमान में उनका योगदान 1,800 रुपये होता है। अगर वेज लिमिट 30,000 रुपये हो जाती है, तो उन्हीं कर्मचारियों का योगदान बढ़कर 3,600 रुपये हो जाएगा।
EPF में ज्यादा कर्मचारी आएंगे
वेज लिमिट बढ़ने से और भी कर्मचारी EPF के दायरे में आ जाएंगे। मौजूदा समय में, यदि किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन 15,000 रुपये से ज्यादा है, तो वह EPF में योगदान नहीं कर सकता। लेकिन यदि वेज लिमिट बढ़कर 30,000 रुपये होती है, तो ऐसे कर्मचारियों के लिए EPF का हिस्सा बनना अनिवार्य हो जाएगा।
सीबीटी में सहमति
30 नवंबर 2024 को हुई बैठक में श्रम मंत्रालय और सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) के सदस्यों ने वेज लिमिट बढ़ाने पर सहमति जताई है। इस पर अंतिम निर्णय फरवरी 2025 में होने वाली सीबीटी की बैठक में लिया जा सकता है।