पंडित धीरेंद्र शास्त्री को महाकुंभ में न जाने वालों को देशद्रोही कहने के मामले में मप्र जिला कोर्ट का नोटिस

शहडोल, 16 मई (हि.स.)। प्रयागराज महाकुंभ के दौरान दिए गए एक बयान को लेकर मध्य प्रदेश के शहडोल जिला न्यायालय ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को नोटिस जारी किया है, उन्हें 20 मई को सुबह 11 बजे कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।

दरअसल, पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने 27 जनवरी 2025 को प्रयागराज महाकुंभ में बयान दिया था कि ‘महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए। जो नहीं आएगा, वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा। इस बयान के बाद शहडोल के वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप कुमार तिवारी ने 3 मार्च 2025 को जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया था। प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट सीताशरण यादव की कोर्ट ने पंडित धीरेन्द्र शास्त्री को गुरुवार को नोटिस जारी किया है।

अधिवक्ता संदीप कुमार तिवारी ने शुक्रवार को मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पंडित धीरेन्द्र शास्त्री का बयान संविधान की मूल भावना और धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध है। कोर्ट में लगाए परिवाद में सवाल उठाया गया कि क्या सीमा पर तैनात सैनिक, डॉक्टर, पुलिसकर्मी या अन्य कर्तव्यरत नागरिक जो कुंभ में नहीं आ पाते, उन्हें देशद्रोही कहा जा सकता है? उन्होंने तर्क दिया कि जब सोशल मीडिया पर अमर्यादित टिप्पणी पर एफआईआर हो सकती है, तो सार्वजनिक मंच से भड़काऊ बयान देने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो सकती?

अधिवक्ता तिवारी ने बताया कि चार फरवरी को शहडोल के सोहागपुर थाने में शिकायत दी थी। पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने पर पुलिस अधीक्षक को शिकायत भेजी गई। कार्रवाई नहीं होने पर 3 मार्च 2025 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया। उन्होंने पंडित धीरेंद्र कृष्णा पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

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