Annapurna Jayanti 2024: दिसंबर में कब मनाई जाएगी अन्नपूर्णा जयंती? जानें तारीख और इसका महत्व

Annapurna Jayanti 2024 Date: जानिए कब है अन्नपूर्णा जयंती और इसका महत्व
अन्नपूर्णा जयंती हर साल मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा और आराधना विशेष रूप से की जाती है, जो घर में धन-धान्य की बर्बादी और समृद्धि का संकेत मानी जाती है। इस दिन पूजा करने से जीवन के तमाम दुखों का निवारण भी होता है। अन्नपूर्णा जयंती पर मां अन्नपूर्णा के विशेष व्रत का पालन किया जाता है, और इस दिन मां की कृपा से घर में अन्न-धन के भंडार कभी खाली नहीं होते।
आइए जानते हैं कि 2024 में अन्नपूर्णा जयंती कब है और इस दिन को सही तरीके से कैसे मनाना चाहिए।
अन्नपूर्णा जयंती 2024 में कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि 14 दिसंबर 2024 की शाम को 4 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इस तिथि की समाप्ति 15 दिसंबर 2024 को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर होगी। ऐसे में, उदयातिथि के अनुसार, अन्नपूर्णा जयंती 15 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी।
अन्नपूर्णा जयंती के दिन क्या करना चाहिए?
अन्नपूर्णा जयंती का पर्व सभी के लिए लाभकारी होता है। इस दिन को खास बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कार्य किए जाते हैं। तो आइए, जानते हैं कि अन्नपूर्णा जयंती के दिन क्या करें:
- सुबह स्नान और पवित्रता:
अन्नपूर्णा जयंती के दिन, सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर साफ-सुथरे कपड़े पहनें। - पूजा स्थल की सफाई:
पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें ताकि वहां की वातावरण शुद्ध और पवित्र हो। - व्रत का संकल्प लें:
अगर आप इस दिन व्रत रखना चाहते हैं, तो व्रत का संकल्प लें और नियमों का पालन करें। - मां अन्नपूर्णा की मूर्ति या चित्र की पूजा:
पूजा स्थल पर मां अन्नपूर्णा की मूर्ति या चित्र रखें और फिर धूप और दीपक जलाकर पूजा शुरू करें। - पूजा सामग्री तैयार करें:
पूजा के लिए कुमकुम, हल्दी, अक्षत, नैवेद्य, और तुलसी पत्र रखें। साथ ही, भोग के रूप में हलवा, पूड़ी और सब्जी बनाएं। - मां अन्नपूर्णा के मंत्रों का जाप करें:
पूजा के दौरान मां अन्नपूर्णा के स्तोत्र और मंत्रों का जाप करें। खासतौर पर, “ॐ अन्नपूर्णायै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। - प्रसाद वितरण:
पूजा समाप्ति के बाद प्रसाद घर के सभी लोगों में बांटें। - दान की महत्वता:
पूजा के बाद, अपने सामर्थ्य के अनुसार अन्न और वस्त्र जरूरतमंदों को दान करें। इससे मां की कृपा बनी रहती है।
अन्नपूर्णा जयंती का धार्मिक महत्व
अन्नपूर्णा जयंती का धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व है। माना जाता है कि इस दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा करने से धन और अन्न के भंडार हमेशा भरे रहते हैं। इसके अलावा, जीवन के तमाम विपत्तियों से मुक्ति मिलती है और समृद्धि का आगमन होता है। इस दिन विशेष रूप से व्रत रखने और पूजा करने से मां अन्नपूर्णा की कृपा बरसती है।
अन्नपूर्णा जयंती पर पूजा करना न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह परिवार में सुख-समृद्धि लाने का एक प्रभावी तरीका भी माना जाता है। तो, इस खास दिन को अपनी धार्मिक आस्था और परंपराओं के साथ मनाएं और मां अन्नपूर्णा की कृपा प्राप्त करें।