ब्रिटिश के लिवरपूल विश्वविद्यालय का बेंगलूरू में होगा कैंप स्थापित

नई दिल्ली, 26 मई (हि.स.)। यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल को भारतीय शिक्षा मंत्रालय ने बेंगलुरू में एक कैंपस स्थापित करने के लिए आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी है। यह भारत में अपना परिसर स्थापित करने वाला दूसरा ब्रिटिश विश्वविद्यालय बन जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को नई दिल्ली में यह घोषणा की।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली के ताज होटल में आयोजित एक समारोह में लिवरपूल विश्वविद्यालय को आशय पत्र (एलओआई) सौंपे जाने के समारोह की अध्यक्षता की। इस दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आशय पत्र वैश्विक उच्च शिक्षा में भारत के एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में उभरने की पुष्टि करता है। यह अग्रणी वैश्विक विश्वविद्यालयों के साथ अकादमिक साझेदारी को गहरा करने की भारत की यात्रा में एक और मील का पत्थर है। प्रधान ने अनुसंधान एवं विकास तथा नवाचार जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया। कहा कि लिवरपूल विश्वविद्यालय नवाचार को बढ़ावा देने वाले स्टेम-संबंधित अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने जा रहा है। इस मौके पर भारत में तैनात ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरून सीबी ओबीई, यूजीसी के अंतरिम अध्यक्ष और शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. विनीत जोशी, लिवरपूल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टिम जोन्स के अलावा विदेश और शिक्षा मंत्रालय, यूजीसी के अधिकारी और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।
लिवरपूल विश्वविद्यालय के कुलपति टिम जोन्स ने कहा कि यह विज़न प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अटूट समर्थन से एक वास्तविकता बन गया है, जिनकी उच्च गुणवत्ता वाली उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता हमें प्रेरित करती रहती है। वे दुनिया में बदलाव लाने वाले बनना चाहते हैं और छात्रों को आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करना चाहते हैं। इस पहल से भारतीय छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने और वैश्विक नागरिक बनने का अवसर मिलेगा। साथ ही यह भारत और यूके के बीच शैक्षिक संबंधों को और मजबूत बनाने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि यह परिसर अगस्त 2026 में स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों का स्वागत करेगा। लिवरपूल विश्वविद्यालय का कैंप शुरुआत में व्यवसाय प्रबंधन, लेखा और वित्त, कंप्यूटर विज्ञान और जैव चिकित्सा विज्ञान में कार्यक्रम पेश करेगा। गेम डिज़ाइन में एक कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा जो भारत में यूके विश्वविद्यालय परिसर के लिए एक अनूठी पेशकश होगी। नया परिसर समृद्ध वैश्विक आदान-प्रदान के अवसर भी पैदा करेगा, जिससे यूके-आधारित छात्रों को अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के लिए एक रोमांचक नया गंतव्य मिलेगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले साउथेम्पटन विश्वविद्यालय पिछले साल गुरुग्राम में अपना परिसर खोला जा चुका है।