‘जीवन की लंबाई से ज्यादा उसका महान होना महत्वपूर्ण है’ – Dr. BR Ambedkar के ये प्रेरक विचार सभी को प्रेरणा देते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की आज 69वीं पुण्यतिथि है। इस दिन देश भर में महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी जाती है। भारत में जब-जब संविधान और लोकतंत्र की बात होती है तो बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। यही वो दिन है जब भारत के संविधान निर्माता, समाज सुधारक और दलितों के मसीहा कहे जाने वाले अंबेडकर का 1956 में निधन हुआ था। डॉ. अंबेडकर की महान आत्मा की शांति और उनकी अमूल्य सेवा को सम्मानित करने के लिए महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जाता है।
डॉ. अंबेडकर का जीवन केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे भारतीय समाज के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। बाबा साहेब के इस दुनिया से चले जाने के बाद भी उनके विचार और कथन लोगों के लिए प्रेरणा से कम नहीं हैं। आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़े उनके प्रेरणादायक और अनमोल विचारों के बारे में:
आपको बता दें कि दलितों के मसीहा कहे जाने वाले डॉ. बीआर अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। वह महार जाति से थे। इस जाति के लोगों को उस समय अछूत माना जाता था। उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती दिनों में जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता का सामना किया था। उनके ही प्रयासों से भारत में दलितों के अधिकारों को संवैधानिक सुरक्षा मिली। भारत रत्न से सम्मानित बाबासाहेब अंबेडकर के अनमोल विचार पूरे मानव जाति को प्रेरित करते हैं।