बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग की लत को रोकने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम, टीचर्स और पैरेंट्स को दी अहम सलाह

सरकार ने बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग की लत से निपटने के लिए उठाए सख्त कदम, शिक्षकों और अभिभावकों को दी गई महत्वपूर्ण सलाह

भारत में ऑनलाइन गेमिंग के बढ़ते प्रभाव से बच्चों में लत लगने की समस्या को लेकर सरकार ने गंभीर कदम उठाए हैं। हाल ही में, शिक्षा मंत्रालय ने इस समस्या को रोकने के लिए अभिभावकों और शिक्षकों के लिए स्पेशल गाइडलाइन जारी की है। इस सलाह में विशेष तौर पर कहा गया है कि ऑनलाइन गेमिंग से बच्चों में गेमिंग की गंभीर लत लग सकती है, जिसे गेमिंग डिसऑर्डर के रूप में पहचाना जाता है।

सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेमिंग के बढ़ते खतरों को लेकर सरकार ने कई अहम उपाय किए हैं। केंद्र सरकार ने राज्यसभा में इस बात की जानकारी दी कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर बच्चों के लिए हानिकारक गेमिंग कंटेंट को रोकने के लिए दोगुने प्रयास किए जा रहे हैं। राज्यसभा में दिए गए जवाब में यह भी बताया गया कि सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज़ को ऑनलाइन गेमिंग और इससे होने वाले नुकसान के संबंध में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी अधिनियम के तहत एक नया नियम, “मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता, 2021” लागू किया है। इस नियम के अंतर्गत सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज़ और अन्य संबंधित प्लेटफार्म्स पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में यह भी स्पष्ट किया कि मध्यवर्ती संस्थाओं को किसी भी प्रकार की गैरकानूनी सूचना को होस्ट, स्टोर या पब्लिश करने से बचना होगा।

इसके अलावा, शिक्षा मंत्रालय ने सलाह दी है कि अभिभावक और शिक्षक बच्चों को ऑनलाइन गेम्स की लत से बचाने के लिए निगरानी रखें और उनका मार्गदर्शन करें। यह चेतावनी दी गई है कि बिना किसी प्रतिबंध और स्व-निर्धारित सीमाओं के ऑनलाइन गेमिंग से बच्चों को गंभीर लत लग सकती है, जिसे बाद में गेमिंग डिसऑर्डर के रूप में इलाज करवाना पड़ता है।

सारांश में, सरकार बच्चों के ऑनलाइन गेमिंग के जोखिमों को लेकर गंभीर है और उसने मीडिया इंटरमीडियरीज़, अभिभावकों, और शिक्षकों से मिलकर इस पर कड़ी निगरानी रखने का आह्वान किया है।

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