3 हफ्ते से ज्यादा हो गई खांसी? क्या ये वॉकिंग निमोनिया का संकेत हो सकता है? जानें इसके लक्षण
सर्दी का मौसम भले ही अभी पूरी तरह से न आया हो, लेकिन हमें अपनी सेहत के प्रति सतर्क रहना चाहिए। मौसम बदलते ही अक्सर लोग खांसी को सामान्य सर्दी-खांसी या एलर्जी मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन अगर खांसी ठीक होने का नाम नहीं लेती या समय के साथ बढ़ने लगती है, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है, जैसे कि वॉकिंग निमोनिया। यह फेफड़ों का हल्का संक्रमण है, जिसे एटिपिकल निमोनिया भी कहा जाता है।
वॉकिंग निमोनिया क्या है?
वॉकिंग निमोनिया माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया जैसे बैक्टीरिया से होने वाला एक हल्का फेफड़ों का संक्रमण है। 2018 में हुई एक स्टडी के अनुसार, यह एक असामान्य बीमारी है जिसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं और इसका पता लगाना मुश्किल हो सकता है। सामान्य निमोनिया के गंभीर रूपों के मुकाबले इसमें कभी-कभी बिस्तर पर आराम या अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है, लेकिन कई लोग इसे हल्के लक्षणों के कारण नजरअंदाज कर देते हैं और अपनी सामान्य जिंदगी जीते रहते हैं।
वॉकिंग निमोनिया के लक्षण
- गले में खराश
- हल्की सांस की तकलीफ
- लगातार खांसी
- हल्का बुखार
- थकान
लंबे समय तक बनी खांसी को न करें नजरअंदाज
अगर खांसी 2-3 हफ्तों से ज्यादा हो और ठीक होने का नाम न ले, तो यह वॉकिंग निमोनिया का संकेत हो सकता है। सामान्य सर्दी या एलर्जी के विपरीत, यह बीमारी आपके श्वसन तंत्र में गहरी सूजन का कारण बनती है। शुरुआत में यह सूखी खांसी के रूप में होती है, लेकिन बाद में बलगम भी बन सकता है। इसके कारण बुखार और अन्य लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।
वॉकिंग निमोनिया के रिस्क फैक्टर्स
वॉकिंग निमोनिया असामान्य बैक्टीरिया के कारण होता है और यह किसी को भी हो सकता है, लेकिन कुछ लोग इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं। इसके रिस्क फैक्टर्स में शामिल हैं:
- भीड़-भाड़ वाले इलाकों में रहने वाले लोग
- कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग
- श्वसन संबंधी समस्याओं वाले लोग
- प्रदूषित इलाकों में रहने वाले लोग
- अत्यधिक धूम्रपान करने वाले लोग
कैसे पता चलेगा कि यह वॉकिंग निमोनिया है?
एक्स-रे से वॉकिंग निमोनिया का पता लगाया जा सकता है, जबकि सामान्य सर्दी-खांसी में ऐसा नहीं होता। अगर एक हफ्ते में लक्षणों में सुधार न हो या स्थिति बिगड़ जाए, तो डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी है।