रातापानी बना MP का 9वां टाइगर रिजर्व, 90 से ज्यादा बाघ, अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी

मध्य प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व: रातापानी अब होगा अंतरराष्ट्रीय पहचान वाला पार्क, 90 से ज्यादा बाघों का घर

मध्य प्रदेश के वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। अब तक 7 टाइगर रिज़र्व वाले इस राज्य में 9 हो गए हैं। रातापानी को 9वां टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया है, और इसे राज्य सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। रातापानी का कुल क्षेत्रफल 1271.465 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 763.812 वर्ग किलोमीटर कोर एरिया और 507.653 वर्ग किलोमीटर बफर एरिया शामिल हैं।

इस नए टाइगर रिज़र्व की स्थापना से रातापानी को न सिर्फ राष्ट्रीय, बल्कि अब अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिलेगी। यहां पर फिलहाल 90 से अधिक बाघ पाए जाते हैं, और ये आंकड़ा आने वाले समय में बढ़ने की उम्मीद है। रातापानी के आसपास के क्षेत्रों में अब 9 गांवों को बफर एरिया में शामिल किया गया है, जिनमें झिरी बहेड़ा, जावरा मलखार, देलावाड़ी, सुरई ढाबा, पांझिर, कैरी चौका, दांतखो, साजौली और जैतपुर शामिल हैं। इन गांवों का कुल रकबा 26.947 वर्ग किलोमीटर है।

रातापानी टाइगर रिज़र्व के बन जाने से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और भोपाल के पास होने के कारण यहां पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी।

इसी बीच, माधव नेशनल पार्क को भी दो दिन पहले टाइगर रिज़र्व का दर्जा मिला था। इससे पहले मध्य प्रदेश में केवल 7 टाइगर रिज़र्व थे, अब इनकी संख्या बढ़कर 9 हो गई है। यह राज्य को टाइगर स्टेट के तौर पर और भी मजबूत करेगा।

साल दर साल बाघों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी के कारण, अब तक प्रदेश में 785 बाघ हो चुके हैं, जो 2022 की गणना के अनुसार सबसे ज्यादा हैं। 2018 में ये संख्या केवल 526 थी। 17 साल के लंबे इंतजार के बाद अब रातापानी को टाइगर रिज़र्व का दर्जा मिला है, और इस बदलाव के बाद, यहां की तस्वीर पूरी तरह से बदलने वाली है।

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