फडणवीस और शिंदे हैं अपनी-अपनी राजनीति में व्यस्त, वहीं अजीत पवार नए सियासी खेल के मूड में, शरद पवार को फिर दे सकते हैं बड़ा झटका!

Maharashtra Political Drama: अजीत पवार के कदम से शरद पवार गुट में मचेगा हलचल, सांसदों के पाला बदलने की उम्मीद

महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर सस्पेंस भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन अब भी राजनीतिक दांव-पेंच जारी हैं। जहां एक तरफ देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार सीएम बनने जा रहे हैं, वहीं अजीत पवार छठी बार उप मुख्यमंत्री की शपथ लेकर इतिहास रचने वाले हैं। इन बदलावों के बीच यह अभी भी साफ नहीं हो पाया है कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे या नहीं। लेकिन अब, महाराष्ट्र में एक और बड़ा राजनीतिक मोड़ सामने आ सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, अजीत पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट ने शरद पवार के सांसदों को अपने खेमे में लाने की योजना शुरू कर दी है। पार्टी की एक वरिष्ठ महिला नेता को इस मिशन के लिए जिम्मेदारी दी गई है, ताकि वह सांसदों से संपर्क करके उन्हें अजीत पवार के पक्ष में ला सकें। इस प्रयास के बाद, सियासी हलकों में गहमा-गहमी बढ़ गई है, क्योंकि अजीत पवार के दिल्ली दौरे ने यह चर्चा और तेज कर दी है कि वे अब शरद पवार के प्रभाव को कमजोर करने की पूरी रणनीति पर काम कर रहे हैं।

अजीत पवार का दिल्ली दौरा: अजीत पवार का हालिया दिल्ली दौरा इस सियासी संकट का अहम हिस्सा बन गया है। उनके इस दौरे के बाद से चर्चा यह है कि वे शरद पवार के गुट को कमजोर करने के लिए एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इस सबके बीच, उनके गुट के विधायक अमोल मिटकरी ने भी इस घटनाक्रम का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन किया। उन्होंने रोहित पवार को ताना मारते हुए कहा कि वे लोकतंत्र बचाने की बातें कर रहे हैं, जबकि उनके खुद के सांसद और विधायक विरोधी खेमे से जुड़े हुए हैं। मिटकरी ने देवगिरी (शरद पवार का निवास) और सागर बंगला (फडणवीस का निवास) का नाम लेकर यह संकेत दिया कि राजनीतिक संपर्कों और बैठकों का सिलसिला तेज हो गया है।

सुरेश म्हात्रे की मुलाकात: भिवंडी के सांसद सुरेश म्हात्रे की देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात ने सियासी हलकों में नई अटकलों को जन्म दिया। हालांकि, म्हात्रे ने इसे निजी मुलाकात बताया और यह स्पष्ट किया कि वे शरद पवार के साथ हैं, फिर भी इस मुलाकात ने राजनीतिक चर्चाओं को और हवा दी है।

अब यह देखना होगा कि अजीत पवार के इस कदम का शरद पवार के गुट पर क्या असर पड़ता है और कितने सांसद व नेता उनके संपर्क में आकर उनका साथ देते हैं। माना जा रहा है कि आने वाले समय में लोकसभा चुनाव में अजीत पवार के केवल एक सांसद के चुनकर आने के बावजूद, अब शरद पवार के गुट के कई सांसदों का पाला बदलकर अजीत पवार के खेमे में आना तय है।

राजनीतिक दांव-पेंच की यह ताजातरीन घटना महाराष्ट्र में सियासी उथल-पुथल की नई शुरुआत को दर्शाती है। अब देखना यह है कि यह बदलाव राजनीति के किस मोड़ पर पहुंचता है।

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