नौसेना को मिले अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस युद्धपोत ‘सूरत’ और ‘नीलगिरी’।

भारतीय नौसेना को मिले अत्याधुनिक ‘सूरत’ और ‘नीलगिरी’ युद्धपोत

नई दिल्ली, 21 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय नौसेना को आत्मनिर्भरता की ओर एक और बड़ा कदम बढ़ाते हुए आज दो अत्याधुनिक युद्धपोत मिले हैं। इनमें एक है विध्वंसक सूरत और दूसरा फ्रिगेट नीलगिरी। इन जहाजों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने स्वदेशी रूप से डिजाइन किया है, और मझगांव डॉक लिमिटेड (MDL) ने इन्हें निर्मित किया है। इन दोनों जहाजों के शामिल होने से भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमता और परिचालन क्षमता में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी होगी।

सूरत भारतीय नौसेना का चौथा और अंतिम प्रोजेक्ट 15B स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है। इस परियोजना के तहत पहले तीन जहाजों – विशाखापत्तनम, मोरमुगाओ और इम्फाल को पहले ही नौसेना में शामिल किया जा चुका है। 7,400 टन वजनी और 164 मीटर लंबे आईएनएस सूरत को अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस किया गया है, जिनमें सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, जहाज रोधी मिसाइलें और टॉरपीडो शामिल हैं। यह युद्धपोत एआई सक्षम है, जो इसकी परिचालन दक्षता को कई गुना बढ़ा देता है। इसने अपने समुद्री परीक्षणों के दौरान 56 किमी/घंटा (30 नॉट्स) से अधिक की गति हासिल की है।

नीलगिरी, जो प्रोजेक्ट 17A स्टील्थ का पहला फ्रिगेट है, भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए पारंपरिक और अपारंपरिक खतरों का मुकाबला करने में सक्षम है। इस योजना के तहत सात जहाजों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से कुछ एमडीएल, मुंबई और जीआरएसई, कोलकाता में निर्माणाधीन हैं। इन जहाजों में सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, 76 मिमी अपग्रेडेड गन और रैपिड फ़ायर क्लोज-इन हथियार प्रणालियाँ शामिल हैं।

इन युद्धपोतों में 75 फीसदी स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जो भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, इन परियोजनाओं ने देश में आर्थिक विकास, रोजगार के अवसरों और स्वदेशी कंपनियों के लिए प्रगति के नए रास्ते खोले हैं। प्रमुख हथियार और सेंसर स्वदेशी कंपनियों जैसे बीएपीएल, एलएंडटी, एमटीपीएफ, बीईएल, बीएचईएल, और महिंद्रा से प्राप्त किए गए हैं।

भारतीय नौसेना को 2025 और 2026 तक इस श्रेणी के छह और जहाज मिलेंगे, जो देश की समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करेंगे।

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