नेपाल और चीन के बीच प्रस्तावित रेलमार्ग को लेकर गतिविधियाँ बढ़ गई हैं।

काठमांडू, 23 दिसंबर (हि.स.)। नेपाल और चीन के बीच हाल ही में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) कार्यान्वयन समझौते पर हस्ताक्षर के बाद दोनों देशों के बीच प्रस्तावित रेलमार्ग परियोजना को लेकर गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। इस समझौते में चीन की सीमा के करींग से काठमांडू तक रेलमार्ग बनाने की योजना शामिल है।

दोनों देशों के विभिन्न मंत्रालयों से जुड़े उच्चस्तरीय अधिकारियों की बैठक में रेलवे परियोजना की प्री-फिजिबिलिटी स्टडी से जुड़ी संभावित समस्याओं और उनके समाधानों पर चर्चा की गई। नेपाल के परिवहन मंत्रालय के सचिव केशव कुमार शर्मा के नेतृत्व में एक टीम चीन के शंघाई पहुंची, जिसमें परिवहन विभाग के संयुक्त सचिव भीमार्जुन अधिकारी सहित अन्य मंत्रालयों के अधिकारी भी शामिल थे।

शंघाई में शुक्रवार से शुरू हुई बैठक रविवार तक चली, जिसमें चीनी टीम ने काठमांडू-केरुंग रेलवे के निर्माण को चुनौतीपूर्ण बताया। बैठक में चीनी राज्य की स्वामित्व वाली कंपनी, चाइना रेलवे फर्स्ट सर्वे एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट के तकनीकी विशेषज्ञों ने भी हिस्सा लिया।

संवाद के दौरान, नेपाल के अधिकारी भीमार्जुन अधिकारी ने कहा कि इस रेलमार्ग के 98 प्रतिशत हिस्से के पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण निर्माण की लागत काफी अधिक होगी। चीनी प्रतिनिधियों ने बताया कि भौगोलिक परिस्थितियों के कारण करीब 95 प्रतिशत मार्ग में सुरंगों और पुलों का निर्माण किया जाएगा।

अभी काठमांडू, नुवाकोट और रसुवा में मिट्टी का परीक्षण किया जा रहा है, और रेलवे लाइन के संभावित स्थानों पर ड्रिलिंग की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, व्यवहार्यता अध्ययन पूरा होने के बाद सभी मुद्दों पर स्पष्टता आ जाएगी। नेपाल ने चीनी अधिकारियों को प्रशासनिक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। बैठक में तकनीकी टीम ने संभावित समस्याओं पर चर्चा करते हुए समाधान के लिए समन्वय की आवश्यकता की बात भी की।

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