दुनिया ने पीएम मोदी की अहमियत को पहचाना, भारत फिर से बना UN शांति स्थापना आयोग का सदस्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कार्यकुशलता और कूटनीति से पूरी दुनिया को प्रभावित किया है, और इस प्रभाव का असर अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साफ नजर आ रहा है। भारत की बढ़ती भूमिका को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र ने एक बार फिर भारत को 2025-2026 के लिए शांति स्थापना आयोग का सदस्य बना लिया है। भारत का यह सम्मान 31 दिसंबर को समाप्त हो रहे वर्तमान कार्यकाल के बाद फिर से प्राप्त हुआ है।

न्यूयॉर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी मजबूत पहचान बनाई है, और इस प्रभाव का अहसास अब पूरी दुनिया को हो रहा है। इस बढ़ते प्रभाव का नतीजा यह है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग (PBC) का सदस्य फिर से चुना गया है। यह कदम भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और कूटनीतिक सफलता का परिणाम है।

भारत के स्थायी मिशन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “भारत को 2025-2026 के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग (PBC) के लिए फिर से चुना गया है। संस्थापक सदस्य और शांति स्थापना में प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में भारत वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग में 31 सदस्य देश हैं, जो संयुक्त राष्ट्र महासभा, सुरक्षा परिषद और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद से चुने जाते हैं। इसमें वित्तीय और सैन्य योगदानकर्ताओं को भी सदस्य बनाया जाता है।

भारत का योगदान: भारत संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है। वर्तमान में भारत के लगभग 6,000 सैन्य और पुलिसकर्मी विभिन्न देशों में तैनात हैं, जैसे अबेई, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, साइप्रस, कांगो, लेबनान, पश्चिम एशिया, सोमालिया, दक्षिण सूडान, और पश्चिमी सहारा। शांति अभियानों में अब तक 180 भारतीय शांति सैनिकों ने कर्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है, जो किसी भी देश का सबसे बड़ा योगदान है।

इस पुनः चयन से यह साबित होता है कि भारत की शांति स्थापना में अहम भूमिका और वैश्विक कूटनीतिक शक्ति का लोहा पूरी दुनिया मान चुकी है।

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