दक्षिण कोरिया की नेशनल असेंबली में पूर्व कमांडर क्यून की गवाही

दक्षिण कोरिया: पूर्व कमांडर क्यून की नेशनल असेंबली में गवाही, मार्शल लॉ विवाद पर हुए अहम खुलासे

सियोल, 10 दिसंबर (हि.स.)। दक्षिण कोरिया की नेशनल असेंबली में आर्मी स्पेशल वारफेयर कमांड के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल क्वाक जोंग-क्यून ने मार्शल लॉ और उससे जुड़े आदेशों पर गवाही दी। उन्होंने खुलासा किया कि पूर्व रक्षामंत्री किम योंग-ह्यून ने राष्ट्रपति यून सुक येओल के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान के दौरान असेंबली में 150 से अधिक सांसदों को मौजूद होने से रोकने के आदेश दिए थे।

क्वाक ने बताया कि तीन दिसंबर को राष्ट्रपति यून ने मार्शल लॉ की घोषणा की थी, जिसे पूर्व रक्षामंत्री का समर्थन प्राप्त था। लेकिन, नेशनल असेंबली में मार्शल लॉ के खारिज होने और महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने की खबर मिलते ही राष्ट्रपति ने यह फैसला वापस ले लिया।

सुरक्षित फोन पर मिले थे आदेश
क्वाक ने कहा कि उन्हें युद्ध नियंत्रण कक्ष में एक सुरक्षित सेलफोन के माध्यम से पूर्व रक्षामंत्री के निर्देश मिले। ये आदेश लाउडस्पीकर पर दिए गए थे, जिसे उनके अधीनस्थों ने भी सुना। इनमें प्लेनरी हॉल में घुसने, खाली गोला-बारूद और टैसर के उपयोग से जुड़े निर्देश शामिल थे।

फील्ड कमांडर से विचार-विमर्श के बाद क्वाक ने इन आदेशों का पालन न करने का निर्णय लिया। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी भूमिका को लेकर जांच चल रही है, क्योंकि मार्शल लॉ लागू करने में उनकी संलिप्तता के आरोप लगे हैं।

अन्य गवाहियों से हुआ खुलासा
संसदीय रक्षा समिति में सेना प्रमुख पार्क एन-सु, कार्यवाहक रक्षामंत्री किम सियोन-हो और अन्य सैन्य अधिकारियों ने भी गवाही दी। ब्रिगेडियर जियोंग सेओंग-वू ने खुलासा किया कि डिफेंस काउंटर इंटेलिजेंस कमांड के प्रमुख ने उन्हें चुनाव आयोग के सर्वर को कॉपी या हटाने का आदेश दिया था।

रक्षा खुफिया कमान के प्रमुख मेजर जनरल मून सांग-हो ने कहा कि पूर्व रक्षामंत्री ने चुनाव आयोग में सैनिक तैनात करने का निर्देश दिया था। मून के अनुसार, उन्हें यह आदेश मार्शल लॉ की घोषणा के दिन सुबह 10-11 बजे के बीच मिला और बाद में रात 9 बजे सरकारी परिसर के पास टीम तैयार करने के निर्देश दिए गए।

पूर्व रक्षामंत्री की जांच और राजनीतिक घटनाक्रम
पूर्व रक्षामंत्री किम योंग-ह्यून ने देशद्रोह और अन्य अपराधों की जांच के तहत निर्धारित अदालत की सुनवाई में शामिल होने से इनकार कर दिया। इस बीच, नेशनल असेंबली ने एक विधेयक पारित किया है, जिसमें राष्ट्रपति यून द्वारा लगाए गए अल्पकालिक मार्शल लॉ की जांच के लिए विशेष वकील की नियुक्ति को अनिवार्य किया गया है।

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