तान्या सिंह ने पोस्ट में लिखा कि तिशा को शुरू में कैंसर नहीं था। जब वह साढ़े 15 साल की थी, तब उसे एक वैक्सीनेशन के बाद ऑटोइम्यून रिएक्शन हुआ, जिसका सही इलाज नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इस गलत इलाज के कारण उनकी बेटी की जान चली गई। इसके अलावा, उन्होंने माता-पिताओं को लिम्फ नोड्स स्वेलिंग के प्रति जागरूक किया और यह सलाह दी कि अगर किसी के बच्चे में यह समस्या हो तो उन्हें बोन मैरो टेस्ट या बायोप्सी से पहले दूसरी राय लेना चाहिए।
लिम्फ नोड्स स्वेलिंग क्या होती है?
लिम्फ नोड्स शरीर के डिफेंस सिस्टम का हिस्सा होते हैं, जो शरीर में संक्रमण और अन्य समस्याओं से लड़ते हैं। जब इम्यून सिस्टम सक्रिय होता है, तो लिम्फ नोड्स सूज सकते हैं। यह संक्रमण, टीबी, मोनोन्यूक्लिओसिस, और कुछ सूजन संबंधी बीमारियों जैसे रूमेटाइड आर्थराइटिस या ल्यूपस के कारण हो सकता है।
लिम्फ नोड्स में सूजन के लक्षण:
क्या वैक्सीनेशन के कारण लिम्फ नोड्स में सूजन हो सकती है?
कुछ वैक्सीनेशन जैसे कोविड, खसरा, रूबेला, और चेचक के कारण इम्यून रिएक्शन के रूप में अस्थायी लिम्फ नोड सूजन हो सकती है। ये वैक्सीनेशन इम्यून सिस्टम को उत्तेजित करते हैं, जिससे लिम्फ नोड्स में सूजन आ सकती है।
क्या करना चाहिए?
यदि लिम्फ नोड्स में सूजन के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और सही इलाज करवाएं।
डिस्क्लेमर: इस खबर में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, कृपया किसी भी सलाह को अपनाने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श लें।