“उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों के मुद्दे पर जो कहा, उससे कांग्रेस हुई खुश, जानें क्या है वह बयान”

किसानों के विरोध प्रदर्शन पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने केंद्र सरकार से सवाल उठाए थे, जिनमें उन्होंने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी सीधे निशाने पर लिया। उपराष्ट्रपति ने यह सवाल किया कि अगर किसानों को उचित मूल्य मिल जाएगा, तो क्या इससे कुछ गड़बड़ हो जाएगी, क्या इससे कुछ नुकसान होगा? अब, इस बयान के बाद कांग्रेस ने खुशी जाहिर की है। पार्टी ने कहा कि ये वही सवाल हैं जो वे पिछले पांच सालों से उठाते आ रहे हैं।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति का सवाल वही है जो उनकी पार्टी और राहुल गांधी लगातार पूछ रहे हैं। जयराम रमेश ने कहा, “हम उपराष्ट्रपति का सम्मान करते हैं, वे राज्यसभा के संरक्षक और संविधान के रक्षक हैं। वे जो सवाल उठा रहे हैं, वही सवाल हम प्रधानमंत्री से पिछले 4-5 सालों से पूछ रहे हैं।” इसके साथ ही, उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा की आवश्यकता जताई और कहा कि कांग्रेस ने इसके लिए नोटिस भी दिया है।

कांग्रेस ने किसानों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए बताया कि वे लगातार तीन सवाल पूछ रहे हैं। पहला सवाल है, किसानों को MSP का कानूनी दर्जा कब मिलेगा? दूसरा सवाल है, कृषि लागत को डेढ़ गुना बढ़ाकर MSP बढ़ाने का वादा कब पूरा होगा? और तीसरा सवाल, किसानों का कर्जा कब माफ किया जाएगा, जबकि सरकार ने निजी कंपनियों का 16 लाख करोड़ रूपये का कर्ज माफ कर दिया।

जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यह वही सवाल हैं, जिन्हें किसान, कांग्रेस और जनता लगातार पूछ रही हैं कि इस सरकार ने किसानों के लिए क्या किया है।

वहीं, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने एक कार्यक्रम के दौरान यह भी कहा था कि “पिछले साल भी किसान आंदोलन कर रहे थे, इस साल भी। समय बर्बाद हो रहा है और हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि भारत कभी इतनी ऊंचाई पर नहीं था, लेकिन यह देखने के बावजूद किसान क्यों परेशान हैं? यह मुद्दा बहुत गहरा है, और इसे हल्के में लेना इस बात को दिखाता है कि हमारी नीतियां सही दिशा में नहीं जा रही हैं।

धनखड़ ने यह भी कहा कि यह “विकसित भारत” का सपना सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि लक्ष्य होना चाहिए, और जब भारत इतना आगे बढ़ रहा है, तो किसान क्यों परेशान हैं? यह सवाल सत्ता में बैठे लोगों से सीधा पूछा गया है, और यह अब राजनीतिक तौर पर एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है।

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