उत्तराखंड: एसटीएफ के हत्थे चढ़ा साइबर ठगी करने वाला गिरोह, नौकरी के नाम पर करता था देशभर में ठगी

देहरादून, 13 दिसंबर (हि.स.)। उत्तराखंड एसटीएफ ने देशभर में बेरोजगार युवाओं को फर्जी जॉब ऑफर देकर ठगी करने वाले एक साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं, और उनके पास से बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज, प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड और अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं।

यह गिरोह आईबीएम, एचसीएल, टेक महिंद्रा और अमेजन जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम पर युवाओं को नौकरी का झांसा देकर जॉब ऑफर लेटर भेजता था। इसके बदले, प्रोसेसिंग फीस और मेडिकल शुल्क के नाम पर 2,500 से लेकर 30,000 रुपये तक वसूले जाते थे। युवाओं से फोन कॉल्स के माध्यम से ऑनलाइन इंटरव्यू करवाए जाते थे और फिर फर्जी ऑफर लेटर भेजे जाते थे।

यह साइबर कॉल सेंटर देहरादून के पटेलनगर इलाके में स्थित एक ट्रांसपोर्ट कंपनी की आड़ में चल रहा था। एसटीएफ ने मुख्य आरोपित ईश्विंदर शेरगिल (30) और उसके साथी विवेक रावत (32) को गिरफ्तार किया। उनके पास से 2 लैपटॉप, 7 प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड, 12 एटीएम कार्ड, 7 मोबाइल फोन, 2 पासबुक, 5 चेकबुक और 4 वॉकी-टॉकी सेट बरामद हुए।

गिरोह विशेष रूप से दक्षिण भारत के तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाता था। आरोपितों ने बताया कि वे दिल्ली से युवाओं के व्यक्तिगत और शैक्षणिक डेटा खरीदते थे, और इसी डेटा का इस्तेमाल करके उन्हें ठगी का शिकार बनाते थे।

मुख्य आरोपी ईश्विंदर शेरगिल पहले भी साइबर ठगी के मामलों में जेल जा चुका है। जेल से छूटने के बाद उसने देहरादून में फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी और एनजीओ के जरिए फिर से ठगी करना शुरू कर दिया था।

एसटीएफ प्रमुख नवनीत सिंह भुल्लर ने युवाओं से अपील की है कि वे नौकरी के नाम पर आने वाली किसी भी संदिग्ध कॉल या ऑफर से सावधान रहें और इस तरह की गतिविधियों के बारे में 1930 हेल्पलाइन पर सूचना दें।

इस कार्रवाई में एसटीएफ की टीम, विशेष रूप से निरीक्षक नंदकिशोर भट्ट, ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पिछले 15 दिनों से क्षेत्र में निगरानी रखकर गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की।

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