आज के दिन आम लोगों के लिए खोला गया था Gateway of India, जो मुंबई यात्रा का अहम हिस्सा है

मुंबई की यात्रा का अहम हिस्सा है गेटवे ऑफ इंडिया, जिसने इस साल 100 साल पूरे किए

मुंबई की यात्रा पूरी नहीं मानी जाती अगर आपने गेटवे ऑफ इंडिया का दीदार नहीं किया। इस ऐतिहासिक स्मारक ने इस साल अपने 100 साल पूरे कर लिए हैं और यह भारत का प्रवेश द्वार कहलाता है। 4 दिसंबर, 1924 को आम जनता के लिए खोलने के बाद से यह स्मारक मुंबई के सबसे बड़े आकर्षणों में से एक बन चुका है।

गेटवे ऑफ इंडिया की शुरुआत
आप सोचिए, 1911 का साल था, जब ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम और उनकी पत्नी महारानी मैरी भारत की धरती पर कदम रखने वाले थे। उनके स्वागत के लिए मुंबई के अपोलो बंदर पर एक शानदार स्मारक बनाने की योजना बनाई गई थी। प्रसिद्ध वास्तुकार जॉर्ज विटेट ने इस भव्य स्मारक का डिजाइन तैयार किया, जो अब मुंबई का प्रतीक बन चुका है।

इस भव्य स्मारक की आधारशिला 31 मार्च 1911 को बॉम्बे के तत्कालीन गवर्नर सर जॉर्ज सिनेहैम ने रखी थी। हालांकि, निर्माण में देरी हुई और जब सम्राट और महारानी 2 दिसंबर 1911 को मुंबई पहुंचे, तो गेटवे ऑफ इंडिया अधूरा था। लेकिन आयोजकों ने इस समस्या का एक बहुत ही क्रिएटिव समाधान निकाला। उन्होंने कार्डबोर्ड से एक विशाल द्वार तैयार किया, जो गेटवे ऑफ इंडिया के डिज़ाइन पर आधारित था। यह अस्थायी द्वार सम्राट और महारानी के स्वागत के लिए एक शानदार मंच साबित हुआ।

कैसे पड़ा गेटवे ऑफ इंडिया का नाम?
गेटवे ऑफ इंडिया का नाम भारत में ब्रिटिश शासन के समापन का प्रतीक बनकर उभरा। इस स्मारक का निर्माण करीब 21 लाख रुपये की लागत से हुआ था और इसमें पीले बेसाल्ट और कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया था। इस इमारत की ऊंचाई और भव्यता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसका मुख्य गुंबद 15 मीटर चौड़ा है। इसके अलावा, ग्वालियर से खूबसूरत जालियां भी मंगाई गई थीं, जो स्मारक की सुंदरता को और बढ़ाती हैं।

गेटवे ऑफ इंडिया का डिज़ाइन
गेटवे ऑफ इंडिया को इंडो-सरसेनिक शैली में डिजाइन किया गया था, जिसे एक ब्रिटिश वास्तुकार ने तैयार किया था। यह स्मारक विशेष रूप से अंग्रेजी अधिकारियों के स्वागत के लिए बनाया गया था। इस कारण इसे “गेटवे ऑफ इंडिया” नाम दिया गया था।

आज का गेटवे ऑफ इंडिया
आज, गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन चुका है और यहां सालाना लाखों पर्यटक आते हैं। एक अद्भुत दृश्य से यह स्मारक पर्यटकों का दिल छू लेता है। कल्पना करें, जब आप गेटवे ऑफ इंडिया के पास खड़े होते हैं, और आपके सामने विशाल समुद्र का दृश्य होता है, जहां से दूर ताज महल पैलेस होटल की भव्यता दिखती है। हवा में कबूतर उड़ते हैं और समुद्र की लहरें धीरे-धीरे किनारे पर टूट रही होती हैं। यही वह जगह है जहां भारत का इतिहास और आधुनिकता एक साथ मिलते हैं।

यहां का दृश्य वाकई ऐसा है जिसे आप कभी नहीं भूल सकते, और यहां आकर हर कोई इस खूबसूरत नजारे का आनंद ले सकता है, क्योंकि गेटवे ऑफ इंडिया की एंट्री फ्री है।

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